अर्थव्यवस्था के प्रकार कितने है? पूर्ण वर्णन

अर्थव्यवस्था के प्रकार

अर्थव्यवस्था के प्रकार- अर्थव्यवस्था उत्पादन, वितरण एवं बचत की एक सामाजिक व्यवस्था है यह किसी देश की आर्थिक गतिविधियों का विवरण होता है। अर्थव्यवस्था एक क्षेत्र है जहां आर्थिक वस्तुओं एवं सेवाओं के माध्यम से आर्थिक गतिविधियों का निष्पादन किया जाता है। जब हम किसी देश को उसकी समस्त आर्थिक क्रियाओं के सन्दर्भ में परिभाषित करते है उसे अर्थव्यवस्था कहते है। तो चलिए देखे लेते है अर्थव्यवस्था के प्रकार

अर्थव्यवस्था के प्रकार

भारत में अर्थव्यवस्था के प्रकार

भारत में आमतौर पर पांच प्रकार की अर्थव्यवस्था के रूप में व्यवस्थित किया गया है। ये पांच अर्थव्यवस्था के प्रकार निम्न है।

  1. पूंजीवादी अर्थव्यवस्था
  2. समाजवादी अर्थव्यवस्था
  3. मिश्रित अर्थव्यवस्था
  4. बन्द अर्थव्यवस्था
  5. खुली अर्थव्यवस्था

पूंजीवादी अर्थव्यवस्था क्या है?

पूंजीवादी अर्थव्यवस्था में वस्तु एवं सेवाओं के उत्पादन के साधानों पर बाजार अर्थात निजी नियंत्रण रहता है। मूल्य का निर्धारण, बाजार के आधार पर मांग व पूर्ति पर निर्भर करता है। इसे बाजार मूल्य प्राणाली भी कहा जाता है। इस प्रकार की अर्थव्यवस्था में निजी क्षेत्र का प्रभुत्व रहता है। सरकार नियामक के रुप में केवल नियम बना सकती है।

समाजवादी अर्थव्यवस्था क्या है?

समाजवादी अर्थव्यवस्था में आर्थिक संसाधनों पर सरकार का पूर्ण नियंत्रण होता है। यहां पर मूल्य के निर्धारण पर सरकार का हस्तक्षेप होता है तथा सरकार ही मांग व पूर्ति को नियंत्रित करती है। इस प्रकार की प्रणाली को प्रशासनिक मूल्य प्रणाली भी कहा जाता है। इस प्रकार की व्यवस्था पर सार्वजनिक क्षेत्र का अधिकार होता है।

मिश्रित अर्थव्यवस्था क्या है?

जैसा की इस के नाम से ही आभास होता है मिश्रित अर्थव्यवस्था पूंजीवादी एवं समाजवादी अर्थव्यवस्था का मिश्रण होता है। इस प्रकार की व्यवस्था में कुछ आर्थिक क्रियाओं पर निजी क्षेत्र का अधिकार होता है तो कुछ पर सरकार का नियंत्रण रहता है। इस प्रकार की व्यवस्था का प्रचलन आमतौर पर कम विकसित अथवा प्रगतिशील देशों में देखने को मिलता है।

बन्द व्यवस्था किसे कहते है?

यह उस प्रकार की व्यवस्था है जिसमें ना तो किसी प्रकार का आयत हो और ना ही निर्यात ऐसा उस स्थिति को माना जाता है जब कोई देश स्वयं में इतना सक्षम हो की उसे ना तो किसी प्रकार के आयत की आवश्यकता हो और ना ही निर्यात की।

खुली अर्थव्यवस्था किसे कहते है?

खुली अर्थव्यवस्था में आयत निर्यात दोनों होते है। इस प्रकार की अर्थव्यवस्था को दो रूपों से देखा जा सकता है पहला यह एक बेहतर अर्थव्यवस्था है जिससे उपभोक्ता  को नए विकल्प मिलते है साथ ही पिछड़े देशों को ज्ञान की प्राप्त होता है। दूसरा रूप जिसमें ऐसा भी माना जाता है इसमें कमजोर देशों के बाजार पर विकसित देशों का कब्जा होने की सम्भावना बनी रहती है।

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