डर क्या होता है? डर क्यों लगता है?

डर क्या होता है? डर क्यों लगता है?

डर क्या होता है?– भय या डर मनुष्य की प्रगाति में बाधक है। यह हमारे शरीर पर नकारात्मक प्रभाव डालता है, जिससे व्यक्ति इतना निर्बल हो जाता है कि वह साधारण से साधारण कार्य करने में कठिनाई महसूस करता है। उचित अनुचित का भेद नहीं कर पाता सही निर्णय लेने में कठिनाई महसूस करता है सुख व शांतिपूर्वक जीवनयापन करने के लिए व्यक्ति को भयमुक्त होना आवश्यक है, क्योंकि हमारे अधिकांश भय काल्पनिक होते है, जो हमारी नकारात्मक सोच का परिणाम है। तो चलिए जानते है आखिर डर क्या होता है?

डर क्या होता है? डर के प्रकार

गन्दगी का भय, उच्च पद का भय, बीमारी का भय, चोरी का भय, अंधरे का भय, परम्परा का भय, मुत्यू भय, समाज का भय, सौन्दर्य जाने का भय, गिरने का भय, असफलता का भय, अकेलेपन का भय।

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डर क्या होता है? डर का कारण

भय के बाहय और आन्तरिक कारण हो सकते हैं। बाहय भय का कारण प्रत्यक्ष होता है किन्तु आन्तरिक भय का कारण
अप्रत्यक्ष होता है किन्तु आन्तरिक भय का कारण अप्रत्यक्ष होता है

बाह्र्य कारण

प्राक्र्तिक आपदा का डर, महामारी, तुफान, बाड़ के कारण चिंता उत्पन्न, जो डर को जन्म देती है।

आन्तरिक कारण

1- कुछ लोग अपनी सुरक्षा कि अधिक चिंता करते हैं और यह चिंता भय को जन्म देती है, जिससे नकारात्मक सोच बनती है।
2-स्वयं पर विशवाश के अभाव में चिंता उत्पन्न होती है और चिंता से भय उत्पन्न होता है,
3- अकेलापन अनेक मानसिक समस्याओं को जन्म देता है , जैसे चिंता, तनाव , अवसाद , भय ।

डर का इलाज एवं समाधान

नियमित योगाभ्यास करें । योगाभ्यास से व्यक्ति शारीरिक , मानसिक तथा भावनात्मक रुप से संतुलित बनता है जिससे सोच सकारात्मक बनती है तथा भय से मुक्ति मिलती है
आसन-
आसनों के अभ्यास से शरिर कि समस्त प्र्णालियां क्रियाशील होती हैं, ग्र्न्थिस्त्राव प्रणाली संतुलित होती है,शरीर मेम अनेक रसायनिक परिवर्तन होते है
प्राणयाम-
प्रयायाम के अभ्यास से रक्त में आंक्सीजन का अवशोषण होता है , शरीर ऊर्जावान बनता है, एंडोर्फिन नामक हांरमोन कि मात्रा बडती है
ध्यान-
ध्यान के अभ्यास से मन कि बिखरी हुई शक्तियां एक स्थान पर केन्द्रित होने लगती है ,जिससे तनान व्यर्थ कि चिंता गलतफहमी के कारण घरेलूअ परेशानी से मुक्त होती है
योग निद्रा-
योग निद्रा जीवन कि चनुत्तौतियों का सामना करना भी एक कला है । योग निद्रा से शारिरीक , मानसिक और भावनात्मक
तनाव दुर करता है, मन शांत होता है
ईश्वर में विशवास-
ईश्वर पर विश्वास हमें आन्तरिक सुरक्षा प्रदान करता है जब हम यह विश्वास करते हैं कि हर कार्य ईश्वर की मार्जी से होता है तो यह विश्वास हमें मानसिक सुरक्षा प्रदान करता है
भयमुक्त होने के कुछ सुझाव –
नित्य योग करें, अच्छा साहित्य पढ़े, सेवा कार्य में मन लगाएं ओम कि लम्बी ध्वानि का उच्चार्ण कम से कम 5 मिनट तक करें।

 

 

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