लू  लगने (Sunstroke) का कारण लक्षण और इलाज ?

लू  लगना (Sunstroke) का कारण लक्षण और इलाज

लू लगना- गर्मियों के मौसम मे तेज़ गर्म हवाएँ चलती है जिन्हे लू कहते है ये एक सामान्य घटना है जो अपने सामान्य तरीके से चलती है। गर्मियों मे तेज़ गर्मी के साथ चलने वाली ये हवाएँ मनुष्य को बीमार कर देती है जिसे सामान्य बोल चाल में लू लगना कहा जाता लू वैसे किसी भी वर्ग के व्यक्ति को अपनी चपेट में ले सकती है लेकिन इस का असर बच्चों में ज्यादा देखने को मिलता है। लू लगने पर व्यक्ति अत्यधिक बेचन होने लगते है। शरीर में पानी कमी होने लगती है। यदि समय पर रोगी का उपचार नही किया जाए तो रोगी की जान जाने की भी की सम्भावना  रहती है।

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लू लगने ( Sunstroke) के लक्षण

जब कोई भी मनुष्य लू की चपेट में आता है तो उस में विभिन्न लक्षण नजर आने लगते है।

1 लू लगने कि स्थिति में रोगी की पुतलियाँ सिकुड़ने लगती है।
2- लू लग जाने पर व्यक्ति के सिर में तेज़ दर्द होता है तथा इस दौरान चक्कर आने की भी सम्भावना बनी रहती है।
3- रोगी को तेज़ बुखार होता है
4-मुंह सूखने लगता है और बार बार रोगी प्यास लगने लगती
5- रोगी के शरीर का ताप बढ़ने लगता है और चेहरा लाल हो जाता है।
6- लू लगने के कारण रोगी बेहोश भी हो सकता है।

इस रोग का प्राथमिक उपचार

1- लू लगना एक खतरनाक समस्या भी धारण कर सकती है सही समय पर उपचार नही होने पर रोगी की जान जा सकती है इस लिए यथाशीघ्र चिकित्सक से सम्पर्क करना ज़रुरी होता है।
2-व्यक्ति को शीघ्र ही छायादार स्थान पर लिटना चाहिए।
3- रोगी को आम का पानी अथवा प्याज़ का रस भी इस रोग में दिया जा सकता है।
4- हाथों और पैरों को ठण्डा रखने के लिए मेंहदी को हथेलियों तथा पाँव के तलवे पर लगाने से रोगी को आराम पहुँचता है।
5- रोगी को ज्यादा ठण्डा पानी एक दम से नही देना चाहिए
6- रोगी को गिले तौलिए से पौंछना चाहिए।

 

 

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