स्वर किसे कहते है? स्वरों के प्रकार एवं भेद पूरी जानकारी

स्वर किसे कहते है? स्वर कितने होते है?

स्वर किसे कहते है? – स्वरों का हिन्दी भाषा की रीढ़ की हड्डी होती है इसके बिना हिन्दी वाक्यों का अस्तित्व शून्य है। स्वर उन वर्णों को कहते है जो स्वतंत्र रुप से बोले जाते है अर्थात इसमें अन्य किसी वर्ण की सहायता नहीं ली जाती जैसे की व्यंजनों में ली जाती है उदाहरण के लिए अ एक स्वतंत्र वर्ण है जबकि क एक व्यंजन है इस की संधि देखी जाए तो क और अ के मेल से बना होता है। स्वर बिल्कुल स्वतंत्र होते है। याद रखने के लिए हमेशा ध्यान रखे स्वर स्वतंत्र रुप से बोले जाने वाले वर्ण होते है।

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स्वर कितने होते है और कौन-कौन से है?

हिन्दी भाषा में स्वरों की संख्या 11 होती है। – अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ॠ, ए, ऐ, ओ, औ।

स्वरों के कितने भेद होते है?

हिन्दी भाषा में उच्चारण के अनुसार स्वरों के तीन भेद होते है जो इस प्रकार है।

1- ह्रास्व स्वर  2- दीर्घ स्वर 3- प्लुत स्वर 

1- ह्रस्व स्वर  इन स्वरों के उच्चारण में बहुत कम समय लगता है इनकी संख्या चार होती है- अ, इ, उ, ॠ 

2- दीर्घ स्वर – इन स्वरों के उच्चारण में अधिक समय लगाता इन के उच्चारण में ह्रास्व स्वरों से दोगुना समय लगता है। दीर्घ स्वरों को संयुक्त स्वर भी कहते है। दीर्घ स्वरों की संख्या सात होती है- आ, ई, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ।

3-प्लुत  स्वर-  प्लुत स्वरों उन स्वरों को कहते है जिन स्वरों के उच्चारण में दीर्घ स्वरों के उच्चारण से भीअधिक समय लगता है। इस प्रकार के स्वरों का प्रयोग किसी को दूर से पुकारने में किया जाता है। इस प्रकार के स्वरों की कोई निश्चित संकेत संरचना नहीं होती। जैसे राSSSम,

 

 

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