मोहम्मद अली जिन्ना की चौदह शर्तें कौन-कौन सी थी?

जिन्ना की चौदह शर्तें कौन-कौन सी थी?

जिन्ना की चौदह शर्तेंमोहम्मद अली जिन्ना को पाकिस्तान के जनक के रूप में जाना जाता है एवं पाकिस्तान के पहले गवर्नर जनरल के रुप में पद भार प्राप्त किया। जब मोतिलाल नेहरू की रिपोर्ट अस्वीकृत कर दी गई तब मोहम्मद अली जिन्ना नें कुछ सुझाव दिये जिन्हे जिन्ने के चौदह सूत्रीय शर्तों के रूप में जाना जाता है। जिन्ना नें मुसलमानों के हितों के संरक्षण के लिए चौदह शर्तें रखी जिन्हे जिन्ना की चौदह शर्तें कहा जाता है।

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जिन्ना की चौदह शर्तें
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जिन्ना की चौदह शर्तें इस प्रकार थी।

1- पहली शर्त के अनुसार संविधान का स्वरूप संघिय होना चाहिए।  जिसमें सूबों में विशेष अधिकारों की व्यवस्था होनी चाहिए।

2- सभी सूबों एवं प्रान्तों के लिए स्वायत्तता के नियम एवं उपाए समान होने चाहिए।

3- समस्त देश की विधायिकाएं और निर्वाचन संस्थाएं समान सिद्वान्तों के आधार पर स्थापित की जानी चाहिए एवं समान रुप से सभी क्षेत्रों में मुस्लिम अल्पसंख्यकों को समान अवसर मिले।

4- केन्द्रीय विधायिका में मुस्लिमों के स्थान एक-तिहाई से कम नहीं होना चाहिए।

5- सामुदायिक समूहों को अपने स्वतंत्र निर्वाचन दलों का प्रस्तुतीकरण बनाया जाना चाहिए। लेकिन यदि सामुदायिक समूह किसी संयुक्त दल में शामिल होना चाहते है तो वे स्वतंत्र निर्वाचक को छोड़ सकते है।

6- कोई भी भूमि वितरण किया जाता है तो वह किसी भी स्थिति में मुस्लिमों के विरुद्ध नहीं होना चाहिए।

7- मुस्लिमों को धार्मिक स्वतंत्र की पूरी आजादी होनी चाहिए वे विश्वास, रीति-रिवाज, मान्यताओं, किसी मुद्दे, संघ, शिक्षा आदि के बारे में पूरी तरह स्वतंत्र होने चाहिए और उन पर किसी भी प्रकार का बंधन ना लगाया जाए।

8- कोई भी विधायक या विधेयक तब तक पारित नहीं होना चाहिए जब तक उसे तीन-चौथाई सदस्यों का समर्थन प्राप्त नहीं हो जाता है।

9- बम्बई से सिन्ध क्षेत्र अलग किया जाना चाहिए।

10- उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों, बलूचिस्तान और ऐसे दूसरे क्षेत्रों में पर्याप्त सुधार हो।

11- संवैधानिक प्रावधानों में सभी भारतीयों के समान मुस्लिमों को बराबर अधिकार मिलना चाहिए।

12- संवैधानिक प्रावधानों में मुस्लिम हितों की सुरक्षा की व्यवस्था की जानी चाहिए।

13- मंत्री मण्डल या विधान मण्डल में मुस्लिमों की संख्या एक तिहाई होना चाहिए।

14- संविधान में तब तक कोई परिवर्तन नहीं होना चाहिए जब तक संयुक्त रुप से राज्यों सहमत ना हो।

 

 

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