खेल कितने प्रकार के होते हैं?
खेल कितने प्रकार के होते हैं?- खेल क्रियाशील जीवन का सार है खेल स्वयं शिक्षा स्थाई ज्ञान और चरित्र के विकास का को सशक्त साधन है बालक के जीवन का महत्वपूर्ण और आवश्यक कार्य खेल होता है। खेल एक जन्मजात और स्वाभाविक प्रवृत्ति होती है जो स्फूर्ति और आनंद प्रदान करता है। खेल हमारे शरीर के लिए लाभदायक होता है, खेलना एक व्यायाम की तरह है। खेलों को विभिन्न आधार पर विभाजित किया गया है
उत्पत्ति के आधार पर खेल कितने प्रकार के होते हैं?
उत्पत्ति के आधार पर खेल 2 प्रकार के होते है।
- बाह्य खेल
- अंत खेल
बाह्य खेल
यह खेल घर के बाहर खेले जाते हैं जैसे – फुट बॉल क्रिकेट हॉकी गिल्ली डंडा खो-खो आदि।
अन्त खेल
दूसरे प्रकार का खेल अंत खेल होते हैं यह खेल घर के अंदर खेले जाते हैं जैसे शतरंज कैरम बोर्ड लूडो आदि।
व्यक्तित्व विकास के आधार पर खेल कितने प्रकार के होते हैं?
व्यक्तित्व के आधार पर खेल 4 प्रकार के होते है।
- परीक्षणात्मक खेल
- गतिशील खेल
- रचनात्मक खेल
- बौद्धिक खेल
परीक्षणात्मक खेल
खेल इसमें बालक चीजों का परीक्षण करता है उलट-पुलट करके देखता है यह बालक किस जिज्ञासा पर आधारित होता है। जैसे खिलौनों से खेलना।
गतिशील खेल-
यह उछल कूद भागदौड़ वाले खेल होते हैं इन खेलों से शारीरिक विकास होता है जैसे- कुश्ती, भरत ताल क्रिकेट, पोलो आदि।
रचनात्मक खेल-
इन खेलों में बालक विभिन्न वस्तुओं का निर्माण करता है और उनके बिगड़ता है जैसे मिट्टी से चीजें बनाना रेत के टीले बनाना आदि।
बौद्धिक खेल-
इन खेलों में बालक की बुद्धि का विकास होता है जैसे शतरंज, पहेलियां, कैरम।
रोमांचकारी खेल-
कुछ खेल अन्य खेलों से हटकर होते हैं इन खेलों में खूब आनंद आता है और डर भी लगता है यह रोमांचकारी खेल कहलाते हैं, जैसे रिवर राफ्टिंग– पहाड़ी नदी में नाव चलाना।
पैराग्लाइडिंग- पहाड़ी या उसी जगह से पंखों की मदद से उड़ना
स्काईंग – बर्फ पर चपटी पक्षियों की मदद से फिसलना।
बग्गी जंपिंग- ऊंचे पुल से रस्सी बांधकर कूदना
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