जन्म एवं मृत्यु का पंजीकरण सबसे पहले कब हुआ?
मौर्य काल में शिक्षा, भाषा और साहित्य के क्षेत्र में काफी उन्नति हुई। उस समय तक्षिशिला उच्च शिक्षा का सुव्याख्यात केन्द्र था। मौर्य काल में तीन भाषाओं का अधिक प्रचलन था- संस्कृत, प्राकृत तथा पाली। मौर्य साम्राज्य की सबसे छोटी ईकाई ग्राम हुआ करती थी। और उस का प्रधान ग्रामिक कहलाता था। किसी नए शिशु के जन्म एवं किसी की मृत्यु होने पर भारतीय इतिहास में सबसे पहली बार लोगों के जन्म एवं मृत्यु का पंजीकरण मौर्य काल में किया गया। आज के समय में जन्म एवं मृत्यु का पंजीकरण के लिए जन्म एवं मृत्यु का पंजीकरण कार्यालय जाते है। जन्म एवं मृत्यु का पंजीकरण करना कानून जरूरी होता है।
ये भी देखें- मनुष्य के शरीर की सबसे लम्बी अस्थि कौन सी है?
Pingback: मानव शरीर में कितने तंत्र होते है? - Waylf.In
Pingback: स्वतंत्रता आंदोलन से संबंधित महत्वपूर्ण पुस्तकें? - Waylf.In