सफलता के दस सूत्र जो आपके जीवन को आसान और आदर्श बना देंगे।

सफलता के दस सूत्र

सफलता के दस सूत्र– सफलता मात्र चार वर्णों से बना एक शब्द मात्र है लेकिन यह बहुत ही व्यापक शब्द है सफलता का अर्थ प्रत्येक व्यक्ति  के अनुसार अलग हो सकता है यानि कुछ लोग मानते है कि सिर्फ एक अच्छी नौकरी होना ही सफलता है कुछ मानते है कि पैसा बिज़नेस में तरक्की होना ही सफलता है। यानि सब बातों कि एक बात हर किसी के नज़रिये से सफलता का अर्थ अलग हो सकता है। तो चलिए देख लेते है सफलता के दस सूत्र

क्या सफलता के लिए ज़रुरी है मोटिवेट होना?

लोग बहुत से मोटिवेशन वीडियो और लेख पढ़ते है मगर फिर भी सफल नही हो पाते। क्या कारण है इतना करने के बावजूद भी सफलता कोसो दूर रहती है? आज इस लेख में हम आपको इसका वास्तविक कारण और सही मार्ग बताएँगे। आखिर सफलता का मूल मंत्र क्या है ?

ये है सफलता के दस सूत्र

सफलता किसी मोटिवेशन विडियो या लेख पढने से आता तो आज हर बेरोज़गारी व्यक्ति का अपना बिज़नेस और हर व्यक्ति सफल हो गया होता। अब आपके मन में प्रश्न उठने लगा होगा कि अगर सफलता किसी मोटिवेशन विडियो या लेख पढने से नही आती तो कैसे हम स्वयँ को सफल बना सकते है ?

सफलता के दस सूत्र की सूची इस प्रकार है। 

तो चलिए आज इस लेख में हम सफलता के दस सूत्र के बारे में चर्चा करेंगें और ये सफलता के दस सूत्र आपको मोटिवेट करने के लिए नही बल्कि वास्तविक जानकरी देने के लिए सहायक है।

सफलता का पहला सूत्र

ध्यान रखे मोटिवेशन या अभिप्रेणा किसी के देने से नही खुद कि ज़रूरतों , चाहत और इच्छा शक्ति से उत्पन्न होती है।

सफलता का दूसरा सूत्र

आप तब तक मोटिवेट नही होगें जब तक आपके अनुसार या आपको खुशी देने वाला, आनन्दित करने वाला कार्य नही होगा।

सफलता का तीसरा सूत्र

किसी भी कार्य के लिए  अभिप्रेणा का होना बहुत ही आवश्यक होता है और अभिप्रेणा ही  रुचि को जन्म देती है।

सफलता का चौथा सूत्र

अगर आपकी रुचि पढने मे नही तो ये जब तक ऐसे ही रहेगी जब तक आपको इसकी आवश्यकता आन, मान, शान  या जान तक के स्तर तक नही होगी।

सफलता का पाँचवाँ सूत्र 

पैसा सब की जरुरत है फिर भी रुचि या अभिप्रेणा नही होती ? ऐसे इस लिए पैसा बेशक  सब कि जरुरत है ये सही बात है मगर ये जरुरत एक स्तर तक है और इस स्तर की पूर्ति व्यक्ति अपनी जरुरत की नौकरी करके या बिज़नेस तक संतुष्ट रहता है। कुछ लोग एक सिपाही की भर्ती  में सफल होकर कर भी खुश है कुछ लोग उच्च स्तर की नौकरी पा कर भी वह खुशी का अनुभव नही कर पाते।

सफलता का छटा सूत्र

सफलता के ज़रुरी है आप जिस भी कार्य को कर रहे है उसे मजबूरी से नही जोड़े बल्कि उसे जीवन के विशेष हिस्से से जोड़े। मान लो आपको घर चलना है तो आप केवल घर चलने लायक ही कमाएगें और यही आपकी सन्तुष्टि होगी मगर आप किसी विशेष हिस्से जैसे आपको पैसा कमाना है और एक बिज़नेस शुरु करना है और फिर मुझे एक करोड़ वाली गाड़ी में अपने परिवार के साथ घूमना है। यह आपकी इच्छा इस प्रकार की है जो आपको बड़ा आदमी बना सकता है।

सफलता का सातवाँ सूत्र

जैसा आप सोचते है वैसे ही आप बन जाते है यह कहावत गलत नही। क्योंकि आपकी सोच रूचि और अभिप्रेणा को जन्म देती है। इसका उदाहरण सचिन तेंदुलकर है, अगर सचिन तेंदुलकर ने एक शिक्षक, इंजीनियर या एक डाक्टर बनने कि सोचा होता तो आज वह शायद किसी भी एक सामान्य प्रोफेशन में जा चुका होता क्योंकि दोस्तों नौकरी तो हर कोई करता ही है यह सच है कि सचिन तेंदुलकर भी कुछ ना कुछ तो काम करता ही भूखा तो मरता नही। मगर सचिन तेंदुलकर की सोच बड़ी थी इस लिए आज वो इस मुकाम पर है और इसी सोच ने रुचि उत्पन्न की।

सफलता आठवाँ सूत्र

क्या मेरे से यह काम होगा क्या मुझे सफलता मिलेगी ? क्या मैं कर पाऊगा ? क्या आप भी यह सब सोचते है और घबरा जाते है? अब मेरा एक सवाल? जब आप पैदा हुए क्या आपको पता था भारत की राजधानी क्या है? नही ना? अच्छा क्या आपको पता है  दुनिया के सबसे छोटे से देश का नाम क्या है और उस की राजधानी क्या है? शायद नही और अगर आप सर्च करेंगें तो आपको उत्तर मिल भी जाएँगे। क्या आप इस बात से कुछ समझे आपका जवाब अगर ना में है तो मैं बताता हूं आप हो या कोई भी कुछ नही जनता जब तक वह उस कार्य में संलग्न नही होता। जब आप किसी नए काम में घुसते है आप धीरे-धीरे उस काम के ज्ञाता बनते जाते है।

ये भी देखें- सफलता का राज क्या है ? आप सफलता के लिए क्या करें?

सफलता का नोवाँ सूत्र

दूनिया में दो तरह लोग है पहले वो जो किसी काम को उतना ही करते है जितना उनको जरूरी लगता है या मजबूरी है। दूसरे वो जो अपनी आवश्यकता से ज्यादा के बारे सोचते है।  धीरुभाई  अंबानी भी एक पंप पर काम करते थे शायद पंप से आने वाली इनकम घर चलने के लिए तो पर्याप्त हो सकती थी लेकिन जुनून और चाहत के लिए नही। इस जुनून के कारण ही वो आज अरबपतियों मे गिने जाते है।

सफलता का दसवाँ सूत्र

एक सर्वे के अनुसार भारत में केवल 1 प्रतिशत लोगों के पास बचे 99 प्रतिशत जितना पैसा है? और अगर आप इन 1 प्रतिशत लोगों के इस कामयाबी के सफर की कहानी पर ग़ौर करे तो सब में एक बात कामन है  वो है रुचि, लगन, जुनून और कभी ना हर मानने वाली प्रवृत्ति के होते है। समस्याएँ सभी के सामने आती है। मगर सफलता का रास्ता इतना आसान नही होता अगर ऐसा होता तो ये 1 प्रतिशत लोग की मिशाल नही दे पाता। यानि हर आदमी अमीर हो चुका होता।

इस प्रकार ये सफलता के दस सूत्र के विषय में हमने चर्चा की

 

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