रेडिकल्स कौन थे?

रेडिकल्स कौन थे?

रेडिकल्स कौन थे? – सन 1800 के आने तक भारत में अग्रेजों द्वारा भारतीय लोगों संस्कृति-विचार धारा आदि को घृणा के रुप में देखा जाने लगा था। इस समय के दौर में अँग्रेज़ भारतीय समाज एव संस्कृति के कटु आलोचक बन चुके थे। भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति को गतिहीन कह कर अँग्रेजो द्वारा निंदा की जाने लगी भारतीय रीति रिवाजों को असभ्यता का प्रतीक माना जाने लगा। भारतीय संस्थाओं को पतनोन्मुख बताया जाने लगा मगर कुछ अँग्रेज़ ऐसे भी थे जो भारतीय संस्कृति, सभ्यता, रीति रिवाजों एवं संस्थाओं आदि के आलोचक न होकर उनका मानना था कि भारत हमेशा पिछड़ा ही रहे ऐसा जरूरी नहीं भारतीय भी अपने विवेक, बुद्धि, विज्ञान और ज्ञान के रास्ते पर चल कर उन्नति कर सकते है।

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रेडिकल्स कौन थे?

आखिर रेडिकल्स कौन थे? दरअसल रेडिकल्स एक विचार धारा थी जिसे मानने वाले लोग भारत को विज्ञान और मानवता वाद के आधुनिक प्रगतिशील संसार का हिस्सा बनाना चाहते थे। प्रश्न अनुसार रेडिकल्स अग्रेजों के कुछ ऐसे लोगों को कहा गया जिनका विचार भारत को लेकर कटु न होकर इसे प्रगति, विज्ञान तथा मानवता वाद के रास्ते पर ले जाना था। रेडिकल्स के अनुसार आधुनिक पाश्चात्य विज्ञान, दर्शन और साहित्य को अपनाकर भारत में फैली कुरीतियों का सुधार हो सकता है।

अंग्रेज अधिकारी भी थे प्रभावित इस विचार धारा से प्रभावित

उन्नीसवी सदी तक भारत में आने वाले बहुत से अफर भी धीरे-धीरे रेडिकल्स विचार धारा से प्रभावित होने लगे। लेकिन ईमानदार और लोक हितैषी अंग्रेजों की संख्या बहुत ही कम थी भारत में आधुनिकरण उतना ही हो सका जितना अग्रेजो को अपने हित में सही लगा।

रेडिकल्स कौन थे?
Credit-wikipeda

राजा राम मोहन राय भी थे रेडिकल्स धारा के समर्थक

रेडिकल्स विचार धारा के समर्थक राजा राम मोहन राय और उनके जैसे अनेक लोगों ने भी इस विचार धारा का समर्थन किया था। राजा राम मोहन भी आधुनिक भारत के लिए अग्रेजी शिक्षा के समर्थक थे। उनके अनुसार यह विचार धारा भारत के विकास को सम्भव कर सकती है।